CLASS-XII [2020-2021]
SUBJECT-HINDI
(Three Hours)
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Maximum Marks-80
(Candidates are allowed additional 15 minutes for only reading the paper.
They must NOT start writing during this time.)
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Answer question 1, 2 and 3 in section A and four other questions from section B
on at least three of the prescribed text books .
If you answer two questions on any one book, do not base them both on the same material.
The intended marks for questions or part of questions are given in brackets [ ]
Section-A
1. Write a composition in Hindi on any one of the following topics in about 400 words. [15]
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 400 शब्दों में एक निबंध लिखिए-
i. पहले वे आपको नज़रअंदाज करते हैं, फिर वे आपका मज़ाक बनाना शुरू कर देते हैं, फिर वे आपसे
लड़ना-झगड़ना शुरू कर देते हैं और अंत में वे झुक जाते हैं और आपकी जीत होती है।” – महात्मा गाँधी
के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत है? अपने विचार लिखिए।
ii. कोरोना एक वैश्विक महामारी : कारण और समाधान।
iii. लोकतंत्र किसे कहते हैं? दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में रहने वाले लोगों को क्या-क्या अधिकार प्राप्त हैं?
लोकतंत्र की खामियाँ क्या-क्या हैं और उन्हें सुधारा कैसे जा सकता है?
iv. “कोई भी देश तरक्की के शिखर पर तब तक नहीं पहुँच सकता, जब तक उसकी महिलाएँ सुरक्षित और
आत्मनिर्भर न हों।” – इस कथन पर सोदाहरण अपने विचार व्यक्त कीजिए।
v. भारतीय खानपान की विविधता और उसका ज़ायका।
vi. किसी एक विषय पर संक्षिप्त मौलिक कहानी लिखिए-
(a) कहानी की शुरुआत इस वाक्य से कीजिए – “ यह उन दिनों की बात है जब हमारे पास
मोबाइल फोन नहीं हुआ करते थे...।”
(b) कहानी का अंत इस वाक्य से कीजिए........................... ऐसा वर्ष कभी किसी का न गुज़रे।
2. Read the following passage carefully and answers questions that follow.[15]
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
महाभारत के समय की बात है। पाँचों पाण्डवों ने भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग के बारे में चर्चा की और उसके बारे में विस्तार से पूछा, यह जानने की इच्छा ज़ाहिर की कि कलियुग में मनुष्य कैसा होगा, उसके व्यवहार कैसे होंगे और उसे मोक्ष कैसे प्राप्त होगा ?
इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने के लिए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, "तुम पाँचों भाई वन में जाओ और जो कुछ भी दिखे, वह आकर मुझे बताओ। मैं तुम्हें उसका प्रभाव बताऊँगा।" पाँचों भाई वन में गए।
युधिष्ठिर महाराज ने देखा कि किसी हाथी के दो सूँड़ है। यह देखकर उनके आश्चर्य का पार न रहा।
अर्जुन दूसरी दिशा में गए। वहाँ उन्होंने देखा कि कोई पक्षी है, उसके पंखों पर वेद की ऋचाएँ लिखी हुई हैं, पर वह पक्षी मुर्दे का मांस खा रहा है, यह भी आश्चर्य है !
भीम ने तीसरा आश्चर्य देखा कि गाय ने बछड़े को जन्म दिया है और उसे इतना चाट रही है कि बछड़ा लहूलुहान हो जाता है।
सहदेव ने चौथा आश्चर्य देखा कि छह-सात कुएँ हैं और आसपास के कुओं में पानी है किन्तु बीच का कुआँ खाली है। बीच का कुआँ गहरा है फिर भी पानी नहीं है।
पाँचवे भाई नकुल ने भी एक अद्भुत आश्चर्य देखा कि एक पहाड़ के ऊपर से एक बड़ी शिला लुढ़कती आई और कितने ही वृक्षों से टकराई, पर उन वृक्षों के तने उसे रोक न सके। कितनी ही अन्य शिलाओं के साथ टकराई पर वह रुक न सकी। अंत में एक छोटे पौधे का स्पर्श होते ही वह स्थिर हो गई। पाँचों भाइयों के आश्चर्य का कोई पार नहीं!
शाम को वे श्रीकृष्ण के पास गए और अपने अलग-अलग दृश्यों का वर्णन किया।
युधिष्ठिर ने कहा, "मैंने दो सूँड़ वाला हाथी देखा।"
तब श्री कृष्ण कहते हैं, "कलियुग में ऐसे लोगों का राज्य होगा जो दोनों ओर से शोषण करेंगे। बोलेंगे कुछ, और करेंगे कुछ। ऐसे लोगों का राज्य होगा। इससे तुम पहले राज्य कर लो।"
अर्जुन ने आश्चर्य देखा कि पक्षी के पंखों पर वेद की ऋचाएँ लिखी हुई हैं और पक्षी मुर्दे का मांस खा रहा है। इसी प्रकार कलियुग में ऐसे लोग रहेंगे जो बड़े- बड़े पंडित और विद्वान कहलाएँगे, किन्तु वे यही देखते रहेंगे कि कौन-सा मनुष्य मरे और हमारे नाम से संपत्ति कर जाए। ‘संस्था’के व्यक्ति विचारेंगे कि कौन सा मनुष्य मरे और ‘संस्था’ हमारे नाम से हो जाए। हर जाति, धर्म के प्रमुख पद पर बैठे विचार करेंगे कि कब किसका श्राद्ध है ? चाहे कितने भी बड़े लोग होंगे किन्तु उनकी दृष्टि तो धन (मांस)पर ही रहेगी।ऐसे लोगों की बहुतायत होगी जो परधन को हरने और छीनने को आतुर होंगे और कोई विरला ही संत पुरुष होगा।
सहदेव ने चौथा आश्चर्य यह देखा कि पाँच-सात भरे कुएँ के बीच का कुआँ एक दम खाली ! कलियुग में धनाढ्य लोग लड़के-लड़की के विवाह में, मकान के उत्सव में, छोटे-बड़े उत्सवों में तो लाखों रूपए खर्च कर देंगे परन्तु पड़ोस में ही यदि कोई भूखा प्यासा होगा तो यह नहीं देखेंगे कि उसका पेट भरा है या नहीं। दूसरी ओर मौज में, शराब, कबाब, फैशन और व्यसन में पैसे उड़ा देंगे, किन्तु किसी के आँसू पोंछने में उनकी रूचि न होगी और जिनकी रूचि होगी उन पर कलियुग का प्रभाव नहीं होगा, उन पर भगवान का प्रभाव होगा।
पाँचवा आश्चर्य यह था कि एक बड़ी चट्टान पहाड़ पर से लुढ़की, वृक्षों के तने व अन्य चट्टान उसे रोक न पाए, किन्तु एक छोटे से पौधे से टकराते ही वह चट्टान रुक गई। कलियुग में मानव का मन नीचे गिरेगा, उसका जीवन पतित होगा। यह पतित जीवन धन की शिलाओं से नहीं रुकेगा, न ही सत्ता के वृक्षों से रुकेगा। किन्तु हरिनाम के एक छोटे से पौधे से, हरि कीर्तन के एक छोटे से पौधे से मनुष्य जीवन का पतन होना रुक जाएगा।
प्रश्न :-
(a) किसने, किससे, किस बारे में, क्या पूछा ? [3]
(b) अर्जुन क्या देखकर अचंभित हुए ? कृष्ण ने उन्हें उसका क्या आशय समझाया ? [3]
(c) तीसरे आश्चर्य का सच आज कितना सार्थक है ? समझाएँ। [3]
(d) सहदेव ने वन में क्या देखा ? उसका तात्पर्य क्या था ? उससे आपने क्या सीख ली ? [3]
(e) युधिष्ठिर का देखा दृश्य आज कितना प्रासंगिक है ? अपने शब्दों में समझाकर लिखें। [3]
3. (A) Correct the following sentences- [5]
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए-
भ्रष्टाचारी सम्मान का भागीदार कैसे हो सकता है?
पुलिस स्टेशन के समीप चोरी होना चिराग तले अंधकार नहीं तो और क्या है?
तबलावादक और गीतकार के साथ नर्तकी आ रहे हैं।
वह अपने छोटे से लघु जीवन में हर प्रकार से सुखी है।
e. समाचार-पत्र संसार में दर्पण कहे जा सकते हैं।
(B) Make sentences with the following idioms: [5]
निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाइए-
(i) रोड़ा अटकाना
(ii) चारों खाने चित्त होना
(iii) आठ-आठ आँसू रोना
(iv) हाथ को हाथ न सूझना
(v) कंचन बरसना
Section –B
गद्य संकलन
4. बाबू साहब जल-बिन्दुओं के इस शर-प्रहार के सामने न ठहर सके। इन शब्दों में हार स्वीकार की – अच्छा भाई,
रोओ मत। जो कुछ कहती हो वही होगा।
(i) प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कहानी से ली गई है ? इसके लेखक का नाम लिखते हुए उनकी एक प्रसिद्ध रचना का
नाम लिखिए। [1]
(ii) बाबू साहब कौन हैं और वे किसके जल-बिन्दू रूपी शर-प्रहार के सामने ठहर न सके? बाबू साहब
ने क्या आश्वासन दिया? [2]
(iii) रोने की मूल वजह क्या थी? समझाकर लिखिए। [2]
(iv) बाबू साहब का चरित्र-चित्रण करते हुए कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए। [5]
5. ‘लक्ष्मी की समृद्धि भक्तिन के कपाल की कुंचित रेखाओं में नहीं बँध सकी।’ – कथन के आधार पर भक्तिन का
चरित्र-चित्रण कीजिए। [10]
6. ‘क्या निराश हुआ जाए?’ निबंध के द्वारा लेखन ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया
है, फिर भी वे निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है? उदाहरण द्वारा
स्पष्ट कीजिए। [10]
काव्य-मंजरी
7. माँ है वह! इसी से हम बने हैं,
किंतु हम हैं द्वीप ! हम धारा नहीं हैं,
स्थिर समर्पण है हमारा, हम सदा से द्वीप हैं स्रोतस्विनी के।
किंतु हम बहते नहीं हैं।
क्योंकि बहना रेत होना है।
(i) प्रस्तुत कविता किस काव्य संग्रह से ली गई है? इसके कवि कौन हैं ? तथा यह किस प्रकार की कविता है? [1]
(ii) “माँ है वह ! इसी से हम बने हैं” – पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। [2]
(iii) “किंतु हम बहते नहीं हैं। क्योंकि बहना रेत होना है” – इन पंक्तियों के माध्यम से कवि क्या कहना
चाहता है? स्पष्ट कीजिए। [2]
(iv) प्रस्तुत कविता की प्रतीकात्मकता पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [5]
8. ‘बादल को घिरते देखा है’ में कवि ने किन-किन ऋतुओं में हिमालय-सौन्दर्य का दर्शन किया है और
किस प्रकार ? उदाहरण सहित लिखें। [10]
9. सूरदास की भक्ति भावना पर विचार करते हुए सोदाहरण यह बताइए कि ‘बाल लीला’ के पदों में बाल
कृष्ण की किन तीन अवस्थाओं का हृदयग्राही वर्णन किया गया है? [10]
आषाढ़ का एक दिन
10. “जो भाव तुम थे, वह दूसरा नहीं हो सका, परंतु अभाव के कोष्ठ में किसी दूसरे की जाने
कितनी-कितनी आकृतियाँ हैं ! जानते हो, मैंने अपना नाम खोकर एक विशेषण उपार्जित किया है
और अब मैं अपनी दृष्टि में नाम नहीं, केवल एक विशेषण हूँ।”
(i) प्रस्तुत पंक्तियाँ किस अंक से उद्धृत हैं तथा लेखक की किसी एक अन्य रचना का नाम लिखें। [1]
(ii) वक्ता ने कौन-सा विशेषण उपार्जित किया है ? ‘तुम’ के प्रति वक्ता के मन में कौन-से भाव थे ? [2]
(iii) वक्ता की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालें। [2]
(iv) नाटक को प्रभावशाली बनाने में विलोम का चरित्र किस हद तक सफल हो पाया है ? स्पष्ट करें। [5] 11. अंक एक का सार लिखते हुए उदाहरण सहित बताएँ कि अंबिका का मल्लिका के भविष्य को
लेकर हमेशा चिंतित रहना कहाँ तक युक्तिसंगत है ? [10]
12. नाटक के आधार पर प्रियंगुमंजरी का चरित्र-चित्रण कीजिए। [10]
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